BIG BREAKING|UJJAIN|महामंडलेश्वरों की महासभा और मुस्लिम,सिख और बोहरा समाज के साथ सौहाद्रता, समाजिक समरसता की मिसाल बना बाबा जयगुरुदेव जी महाराज का भंडारा…..
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ना जातिवाद,ना भाषावाद, ना क्षेत्रवाद, ना कौम वाद सिर्फ मानववाद ये नज़ारा था बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के ग्याहरवें वार्षिक भंडारे का जो अपने नाम के अनुरूप मार्गदर्शक बना कौमी एकता का, मार्गदर्शक जनकल्याण की एक नई अवधारणा का, मार्गदर्शक एक विचारधारा का और मार्गदर्शक भारत को विश्वगुरु बनाने के संकल्प का।देश की जनता ईश्वरवादी, खुदापरस्त बने, प्रकृति के नियमों का सब पालन करें, देश की युवा पीढ़ी शाकाहारी,सदाचारी, नशामुक्त और देशभक्त बने और भारत दुनियां का आध्यात्मिक विश्वगुरु बनें इसी विचारधारा के साथ बाबा उमाकान्त जी महाराज ने आज सभी धर्म के धर्मावलम्बियों को एक मंच के नीचे लाकर एक विचार से जोड़कर, बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के भंडारे को ना केवल उज्जैन में बल्कि सम्पूर्ण भारत में ऐतिहासिक भण्डारा बना दिया।उज्जैन के 13 अखाड़ों के समस्त महामंडलेश्वर जिनमे प्रमुख रूप से शैलेशानंदगिरी जी महाराज, पूज्य माँ मंदाकिनी पूरी जी मौजूद रही तो दूसरी तरफ बोहरा समाज के हाजी मुल्ला क़ुतुब फ़ातमी, शहर काज़ी ख़लीफुल रहमान, सिख समाज से श्री सुरेंद्र सिंह जी और इनके साथ अनेक धार्मिक,मज़हबी शख़्सियतों ने आज बाबा जयगुरुदेव जी के वार्षिक भंडारे के अवसर पर आयोजित धर्म कल्याण, जन कल्याण और आत्म कल्याण के इस धर्म समागम के सहभागी बनें।
- हाथ जोड़कर विनय हमारी तजो नशा बनो शाकाहारी
हिन्दू,मुस्लिम,सिख,बोहरा सभी धर्मों के धर्म प्रमुखों से बाबा उमाकान्त जी महाराज ने केवल एक प्रार्थना करी, की आज उस ईश्वर को ख़ुदा को भूलने के कारण मानव का खानपान चाल चलन सब ख़राब हो गया। शराब और नशे की गोलियां युवाओं के चरित्र को गिरा रही है,लोग प्रकृति के नियमों के ख़िलाफ़ काम कर रहे है जिससे समय पर जाड़ा, समय पर गर्मी,समय पर बरसात नहीं हो रही। हिंसा,हत्या और मांसाहार के कारण लोगों ने अपने देव दुर्लभ शरीर जिसे मनुष्य मंदिर,जिस्मानी मस्ज़िद को गंदा कर रहे है। जिससे उनकी पूजा,इबादत को वो परमेश्वर,ख़ुदा स्वीकार नहीं कर रहा है। इसलिए सभी धर्मों के प्रमुखों को चाहिए कि मतभेद भूलकर एक विचार भावना बनाकर लोगों को ईश्वरवादी बनाये। ख़ुदपरस्त बनें।
महाराज जी ने शहर काज़ी समेत सभी धार्मिक लोगों से आह्वान किया कि सबसे पहले हम सबको मिलकर लोगों को अपने-अपने तौर तरीके से उस परमेश्वर, ख़ुदा, गॉड को याद करते रहे इस बात के लिए प्रेरित करें।
- गुरु दक्षिणा में आप अपनी बुराइयों को यही छोड़ जाओ-बाबा उमाकान्त जी महाराज
विश्वविख्यात परम् संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के ग्याहरवें वार्षिक मार्गदर्शक भंडारे के अंतिम दिन 17मई को आश्रम पर उमड़े जनसैलाब को सतसंग एवं नामदान देते हुए पूज्य संत बाबा उमाकान्त जी महाराज ने बताया कि गुरु दक्षिणा भारत की परंपरा है उसे निभाते हुए आप भी गुरु दक्षिणा दे सकते हो तो गुरु दक्षिणा में आप अपनी बुराइयों को यही छोड़ जाओ अब तक जो आपने मांस खाया,मछली खाई, अंडा खाया, शराब जैसे बुद्धि नाशक नशे का सेवन किया दूसरी महिला के साथ बुरा कर्म किया। वो अब मत करना। जो जीव हत्या की उसे बंद करो और जीव हत्या वाला भोजन ना करने का संकल्प बनाओ। अंडा बेहद गंदी चीज़ है ना खाना ना बच्चों को खिलाना। शराब में एक हजार बुराई है। इसे पीने के बाद इंसान होश में नहीं रहता तो ऐसे नशे का सेवन ना करो जिसे पीने के बाद बुद्धि काम ना करें और होश में ना रह जाओ।
- एक काम कर लो सतयुग ले आओ
महाराज जी ने सतसंग में मौजूद लाखों भक्तों से आह्वान करते हुए कहा कि आप बस एक काम करलो सतयुग ले आओ,लोगों को शाकाहारी बनाओ,नशा मुक्त बनाओ, अच्छा वक़्त ला दो। क्योकि मनुष्य ही एक ऐसा प्राणी है जो दूसरों की मदद कर सकता है।आत्म कल्याण कर सकता है। तो यहाँ से जाने के बाद रैली,पर्चे या अन्य माध्यमों से योजना बनाकर लोगों से प्रार्थना करो कि “हाथ जोड़कर विनय हमारी तजो नशा बनो शाकाहारी”।
- दया,दुआ और बरकत का प्रसाद लेकर बाबा के भक्तों का प्रस्थान
तीन दिन तक जयगुरुदेव उद्घोष और गुलाबी वस्त्र धारण कर पूरे उज्जैन को जयगुरुदेव नगर बनाने वाले बाबा के भक्त कार्यक्रम के अंतिम दिन महाराज जी से दया का प्रसाद लेकर अपने गंतव्य को रवाना हो गए।विशेष बात ये थी कि इतनी गर्मी में भी भक्तों के उत्साह और भक्ति में कोई कमी नही थी। 50 से ज्यादा भंडारे भंडारे, चाइना, श्रीलंका, दुबई, अमेरिका समेत अनेक देशों से भक्त पधारे।