BIG BREAKING NEWS : “छत्तीसगढ़ पीएससी चयन में विवाद: चयनित अभ्यर्थियों के सलेक्शन पर संदेह और जांच की मांग”…
पीएससी अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के नार्को टेस्ट की मांग.....

BREAKING NEWS : छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग (पीएससी) 2021 के नतीजे जारी होने के बाद चयनित अभ्यर्थियों के सलेक्शन को लेकर शुरू हुआ विवाद अब सूची निरस्त करने व जांच की मांग तक पहुंच गया है। चयन सूची में अफसरों, नेताओं और ताकतवर लोगों के बेटे-बेटियों की भरमार है। आरोप है कि इसमें पीएससी अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के परिवार के तीन सदस्यों का भी चयन हुआ है, जिसे लेकर बवाल मचा हुआ है। अभ्यर्थियों द्वारा भी पीएससी के नतीजे पर रोक लगाने और उत्तरपुस्तिका के जांच की मांग उठाई जा रही है।भाजपा नेता गौरीशंकर श्रीवास, उज्जवल दीपक, नीलम सिंह, विकास शुक्ला, चितेश कुमार, भूपेन्द्र अहलूवालिया, कैलाश शर्मा, गिरीश कुमार और संतोष साहू का एक प्रतिनिधिमंडल राजभवन पहुंचा और राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन के नाम ज्ञापन सौंपकर पीएससी अभ्यर्थियों को न्याय दिलाने की मांग की। राजभवन से निकलकर प्रतिनिधिमंडल सीबीआई दफ्तर भी पहुंचा और सीबीआई को भी ज्ञापन सौंपकर जांच की मांग उठाई। श्री श्रीवास ने राजभवन के बाहर पत्रकारों से चर्चा करते हुए कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने पीएससी अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के नार्को टेस्ट की मांग की। उन्होंने कहा कि पिछले चार- सालों से राज्य पीएससी की कार्यप्रणाली एक संदिग्ध संगठित अपराधियों की तरह नजर आ रही है। 2021 के नतीजे में यदि उनके ही परिवार से लोग चयनित हो रहे हैं, तो इसकी जांच होनी चाहिए।उन्होंने कहा कि पीएससी की विश्वसनीयता समाप्त हो चुकी है। कांग्रेस के बड़े-बड़े नेताओं का नाम सामने आ रहा है। इस मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे है, राज्यपाल को ज्ञापन सौंपे और भारत सरकार से भी शिकायत करने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्री सोनवानी मुख्यमंत्री के सचिव रहे हैं, इसलिए पीएससी परीक्षा परिणाम पर रोक लगनी चाहिए, उत्तरपुस्तिका की जांच होनी चाहिए।