BIG BREAKING NEWS : आरक्षण के वजह से लटकी प्रवेश परीक्षाएं,हाईकोर्ट ने राज्य सरकार बोली..||
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BREAKING NEWS : एसोसिएशन ऑफ प्राईवेट प्रोफेशन इंस्टीट्यूशन्स ऑफ छत्तीसगढ़ (एपिक) की याचिका पर सुनवाई कर हाईकोर्ट ने प्रवेश परीक्षाएं पिछड़ने के मामले में राज्य शासन, छत्तीसगढ़ व्यापम एआईसीटीई, फॉर्मेसी कौंसिल ऑफ इंडिया समेत सभी प्रतिवादियों से जवाब तलब किया है। आरक्षण पर फैसला नहीं होने से प्रवेश परीक्षाओं की प्रक्रिया तक तय नहीं हो सकी है। अगली सुनवाई 8 मई को निर्धारित की गई है। हाईकोर्ट ने राज्य शासन से जब इस वर्ष की प्रवेश प्रक्रिया शुरू कराने पर सवाल किया, तो शासन के वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में 76 प्रतिशत आरक्षण के मसले पर रिट पिटीशन लम्बित चल रही है। इस मामले में अगले दो-ढाई सप्ताह •में न्याय दृष्टांत जारी किये जाने की संभावना है। शासन इस मुद्दे के निर्धारित होने के बाद ही सारी प्रक्रिया शुरू कर देगा। इन प्रवेश परीक्षाओं में विलंब की वजह से राज्य के करीब साढ़े तीन लाख छात्र-छात्राएं प्रभावित हो रहे हैं। प्रदेश में इंजीनियरिंग, बीएड, डीएड उद्यानिकी, नसिंर्ग, एमसीए एवं फॉर्मेसी की प्रवेश परीक्षाएं व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा आयोजित की जाती है, परन्तु अभी तक व्यापमं ने प्रवेश परीक्षाओं की तिथियों की घोषणा नहीं की है। गत वर्ष अप्रैल में प्रवेश परीक्षाओं की तिथि घोषित कर मई-जून में परीक्षाएं आयोजित की गई थी। तय समय पर प्रवेश प्रक्रिया पूरी नहीं होने से शैक्षणिक सत्र विलंब से प्रारंभ होगा। इसे ही लेकर संगठन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिकाकर्ता की और से सुप्रीम कोर्ट में पार्श्वनाथ के मामले में दिए गये निर्णय के अनुसार प्रक्रिया कराने की बात कही गई, जिसमें मार्च माह से प्रक्रिया शुरू करने की बात है। अगली सुनवाई 8 – मई को तय की गई है।