BIG BREAKING : नग्न प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की हाईकोर्ट जज से शिकायत….
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BIG BREAKING : राजधानी में एससी, एसटी युवाओं द्वारा गत 18 जुलाई को किए गए ‘नग्न प्रदर्शन’ की चर्चा पूरे देश में हो रही है। इस मामले में पुलिस ने 29 युवकों को गिरफ्तार कर गंभीर धाराएं लगाई हैं। जिसे लेकर संविधान के जानकार बीके मनीष ने जज संजय के. अग्रवाल को एक मेल कर शिकायत की है। नग्न प्रदर्शकों के खिलाफ गैरकानूनी कार्रवाई की गई है। इस ईमेल में उन्होंने निवेदन किया है कि युवाओं पर दर्ज एफआईआर में आईपीसी की धारा 146, 147, 294, 332, 353 धाराएं लगाई गई हैं, जिसमें अधिकतम दंड तीन वर्ष का है, इसलिए उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए लिखा कि जूडीशियल मजिस्ट्रेट और रायपुर पुलिस केखिलाफ सुप्रीम कोर्ट के अरणेश कुमार बनाम बिहार मामले में आए फैसले के उल्लंघन के लिए भी कार्रवाई संभव है। श्री मनीष ने अनुच्छेद की कुछ धाराओं का जिक्र करते हुए कहा है कि रायपुर पुलिस को प्रदर्शन को रोकने का अधिकार है, मगर बिना तफसील किए दावा करना कि प्रदर्शनकारियों ने शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाई है और पुलिस कर्मियों को क्षति पहुंचाई है, इन आरोपों को साबित कर पाना असंभव है। उन्होंने अपने मेल में यह भी • आशंका जताई कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को 18 जुलाई के प्रेस नोट और बाद में प्रदर्शनकारियों के आपराधिक इतिहास का प्रचार करने के लिए हर्जाना भी भरना पड़ सकता है, पुलिस द्वारा नैतिकता की बात और मिथ्या जाति प्रमाण पत्र विषय पर हुई कार्रवाई पर लिखित सफाई पेश करना सीआरपीसी के अध्याय 10 की अवहेलना है।