छत्तीसगढ़

वनमंडल महासमुंद के अंतर्गत विद्युत् करंट की वजह से एक हाथी की हुई मौत

महासमुंद वनमंडल अंतर्गत कोडार बांध नहर में एक बार फिर करंट लगने से एक नर हाथी की मौत ने महासमुंद वनमंडल की लापरवाही और निष्क्रियता को दर्शाया है। 

रायपुर। प्रत्येक जीव के जीवन के लिए महत्वपूर्ण जीवमंडल और प्रकृति को संतुलित रखने वाले मूल्यवान वन संसाधनों से भरपूर वनों में वन्य जीव सुरक्षित नहीं हैं।

वन मंडल मुख्यालय से लगभग 22 किलोमीटर दूर आज नर हाथी की 11 हजार किलोवॉट के हाईटेंशन विद्युत तार मे हुकिंग कर शिकारियों द्वारा बिछाये गये बिजली के तार में  फंसने से  एक नर हांथी की मौत ने महासमुंद वनमंडल की लापरवाही और निष्क्रियता को दर्शाया है।

इस घटना के बाद लोगो द्वारा महासमुंद वनमंडल को इस प्रकार के सवाल किये गए है –

  1. महासमुंद जिले में लगातार वन्य प्राणियों की मौत हो रही है इसका जिम्मेदार कौन ?
  2. क्या महासमुंद वन मंडल के विभिन्न वन कक्षों में रात्रि में वन संपदा वन्य प्राणियों की सुरक्षा हेतु सघन गश्त की जाती है ?
  3. क्या वर्तमान में जिले के सभी वन कक्षों में पदस्थ डिप्टी रेंजर,प्रभारी या कहे जिम्मेदार वनरक्षक अपने परिसर.रक्षी स्थल पर मौजूद रहते हैं ?
  4. सबसे महत्वपूर्ण और बड़ी सवाल मानव हाथी द्वंद को रोकने के लिए अपनी सक्रियता का दुहाई देने वाली वन विभाग क्या विद्युत करंट से मृत हाथी की घटना के पूर्व हाथी के विचरण का लोकेशन वन विभाग के जिम्मेदार आला अफसरों को मालूम नहीं था ?अगर मालूम था तो घटना कैसे घटी हाथी को बचाने विभाग ने क्यों कुछ नहीं किया ?अगर नहीं था तो इसका जिम्मेदार कौन है ?

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